नाथ की मेहमा का कोई जाबाज नहीं है लेकिन सद्गुरु महाराज गुरु गोरखनाथ के नाम के धुनें सबसे जयादा लगाए जाते है लेकिन गुरु गोरखनाथ जी स्वयं शिव बाबा जी के नाम का धुना लगते थे तो सबसे पहले धुना लगता है देव आधी देव महादेव जी का ! गुरु नाम से पहले ही गुरु के दूर आपको बतलाया जाता है यह गुप्त बात है कोई नहीं बताता है !
यह अनमोल वच्चन सद्गुरु महाराज जी के ही इसलिए हम बोलते है गुरु बिना ज्ञान नहीं किताब पढ़ो तो किताब के ही सीमित रहोगे गुरु शरण मैं रह कर गुरु सेवा और गुरु नाम का सिमरन करोगे तो बहुत ज्ञान मिलेगा ऐसा ज्ञान जो आपको कही से नहीं मिलेगा !
जैकारा मेरे सद्गुरु महाराज जी का बोलो सच्चे दरबार जी जय सनी नाथ !
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