अति दुर्लभ माता श्री मनसा देवी का स्तोत्र नीचे बताया गया है।( MATA MASNA DEVI KA PATH )

अति दुर्लभ माता श्री मनसा देवी का स्तोत्र नीचे बताया गया है।

मां मनसा देवी के बहुत कम मंत्र मिलेंगे इंटरनेट पर, सारी विद्या गुरु मुखी है क्योंकि मां मनसा आर्टिकल बाय सन्नी नाथ बहुत बहुत बहुत प्रचंड शक्ति हैं, बंगाल की विद्या सारी मां मनसा की कृपा से मिल जाती है।
मां मनसा का एक नाम पद्मावती भी है, मां हंस वाहिनी और ज्ञान धन दायिनी हैं आर्टिकल बाय सन्नी नाथ, जिनका वंश आगे नहीं बढ़ता उनके वंश को बढ़ाने वाली हैं, मां मनसा की कृपा जिस पर हो जाए उसको किसी चीज की कमी नही होती।
भोलेनाथ आर्टिकल बाय सन्नी नाथ की मानस कन्या होने के कारण मां मनसा मन की हर मुराद पूरी करती हैं। नाग राज वासुकी जी की बहन लगने के कारण मां मनसा के जप से नाग का भय भी खत्म हो जाता है।
माता जी का सिद्ध शक्तिपीठ पंचकुला हरियाणा में स्तिथ है, जहां मां की कृपा आर्टिकल बाय सन्नी नाथ जी दर्शन मात्र से मिलती है।

माताजी का एक और मंदिर सिद्ध पीठ हरिद्वार में मां मनसा देवी मंदिर है गंगाजी के किनारे। आर्टिकल बाय सन्नी नाथ जी मान्यता है की मां मनसा ने महिषासुर का वध किया था और महालक्ष्मी स्वरूप में हरिद्वार की पहाड़ी पर विराजमान हुईं थी। पहले हरिद्वार में बलि चढ़ती थी पर अब सिर्फ बंगाल देस आर्टिकल by sunny नाथ जी में माता की पूजा में ही बलि प्रथा को नियम के साथ पूरा किया जाता है। बाकी सब जगह माता रानी अब सात्विक भोग पर ही मनाई जाती है। 

  || मनसादेवी स्तोत्रम् || 
          ।। अथ ध्यानः ।। 
चारु-चम्पक-वर्णाभां, सर्वांग सुमनोहराम् ।
नागेन्द्र-वाहिनीं देवीं, सर्व-विद्या-विशारदाम् ।।
    ।। मूल-स्तोत्र ।।
      श्रीनारायण उवाच ।
नमः सिद्धि-स्वरुपायै, वरदायै नमो नमः । 
नमः कश्यप-कन्यायै, शंकरायै नमो नमः ।।
बालानां रक्षण-कर्त्र्यै, नाग-देव्यै नमो नमः । 
नमः आस्तीक-मात्रे ते, जरत्-कार्व्यै नमो नमः ।।
तपस्विन्यै च योगिन्यै, नाग-स्वस्रे नमो नमः । 
साध्व्यै तपस्या-रुपायै, शम्भु-शिष्ये च ते नमः ।।
।। फल-श्रुति ।।
इति ते कथितं लक्ष्मि ! मनसाया स्तवं महत् । 
यः पठति नित्यमिदं, श्रावयेद् वापि भक्तितः ।।
न तस्य सर्प-भीतिर्वै, विषोऽप्यमृतं भवति । 
वंशजानां नाग-भयं, नास्ति श्रवण-मात्रतः ।।

यह मंत्र स्वयं श्री विष्णु जी ने लक्ष्मी माता को आर्टिकल बाय सन्नी नाथ जी सुनाया और इसमें मां मनसा की ऐसी स्तुति है जिस से पुत्र पौत्र धन धान्य की कभी कमी नही होती और नाग के भय से भी मुक्ति मिलती है।
अति रहस्यमई ये स्तोत्र बहुत दुर्लभ है अतः आप बिना संस्कृत के ज्ञान के गलत उच्चारण करके न जपें।
गुरु धारण करने के बाद ये स्तोत्र सर्व कामना पूर्ति में भी प्रयोग किया जा सकता है
आर्टिकल बाय सन्नी नाथ जी
आदेश आदेश
जय सदगुरु महाराज 🙏

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