मंत्र की सिद्धि कब मिलती है
मंत्र तंत्र गुरु नाम सिमरन से ऊपर कुछ नहीं है क्युकी गुरु मंत्र ३३ कोटि देवी देवताओ का सुमले होता है एक गुरु मंत्र को जपने से आपको पूरी सृष्टि दिखाई देती है ! गुरु कैसे भी हो गुरु को बुरा भला मत बोलो क्युकी जिसने थोड़ा सा भी जाप करा है जिसने धुना तपाया है जिसने उस मालिक के नाल का लंगोट और भगवा बना पहना है वो इंसान आम नहीं होता है क्युकी भ्रम्चारये रहना और सेवा भाव मैं जिंदिगी गुज़ार देना बहुत बड़ी बात है !
कुछ लोगो को यह नहीं पता है गुरु को चेक नहीं करते है अगर आप ऐसे करते हो तो आपको बता दू गुरु को सब पता होता कौन कैसा है इसलिए जैसी किसी की इच्छा होती है वैसे ही गुरु के डोरवा उसको ज्ञान मिलता है ! गुरु नाम सिमरन हर किसी को नहीं मिलता है यह तो गुरु नहीं भी निर्धारित नहीं कर सकता है यह चेला है मेरा सद्गुरु महराज खुद अपनी सेवा उसको देता है जो उसको संभल सके जा कर सकते चाहे वो इंसान दुनिया का सबसे गन्दा इंसान ही क्यों न हो सद्गुरु महाराज खुद सही कर लेते है समय आने पर इसलिए गुरु शरण मैं जाओ आप सबसे पहले इबादत घर से सुरु होती है फिर आता है आगे भगति का पढ़वा ऐसे डायरेक्ट कुछ भी करो कुछ हासिल नहीं होता है किसी को भी आदेश आदेश जय गुरु गोरखनाथ सनी नाथ !
No comments:
Post a Comment