KUNDALINI SHAKTI KO JAGANA HAI TO JAPO GYATRI MANTRA


आदेश आदेश जय गुरु गोरखनाथ मैं आप सभी के समक्ष एक बार फिर से हाजिर हूं अपनी कुंडलिनी शक्ति को कैसे जलाते हैं कुंडलिनी शक्ति को जगाने के लिए आपको सर्वप्रथम गुरु दीक्षा की जरूरत नहीं होती है बिना गुरु के भी आप अपनी कुंडलिनी शक्ति को जागृत कर सकते हो कुछ नियम होते हैं साधना सिद्धि से पहले वह नियम आपको सीखने पड़ते हैं ।

गुरुकृपा के साथ आपने एक मंत्र उठा लेना है आप गायत्री मंत्र के प्रयोग के साथ भी अपनी कुंडलिनी शक्ति एक्टिवेट कर सकते हो मैं आपको 30 से 40 मिनट देने हैं उसके बाद आप ने अपना औरा क्लीन करना है सर्वप्रथम आपको कुंडलिनी शक्ति जगाने के लिए किसी ना किसी का सहारा तो लेना ही पड़ेगा क्योंकि जब आप के चक्कर एक्टिवेट होते हैं तो चक्रों के साथ कई प्रकार की अनुभूतियां और आपको कई प्रकार के कलर है जो आपके आज्ञा चक्र में दिखाई देते हैं सर्वप्रथम आपका पहला चक्कर मूलाधार चक्र होता है उसके जागृत होने के बाद ही आपकी जो कुंडलिनी शक्ति है वह ऊपर की ओर प्रस्थान करती है ।

नित्य कर्म में कोई भी आसन लेकर स्वच्छ होकर आपने सिर्फ गायत्री मंत्र का मन ही मन में मानसिक जाप करना है अपनी आंखें बंद करके कुछ ही दिनों में आपको आपके मूलाधार चक्र में उसके ऊपर वाइब्रेशन होता महसूस होना चालू हो जाएगा यह सारे सिंगटम आपकी कुंडलिनी शक्ति के जागृत होने की ही आधार है उसके बाद आपको आपके आज्ञा चक्र में जो जो कलर दिखाई देते हैं उसी के हिसाब से पता चलता है कि आप के कौन-कौन से चक्कर जागृत हो रहे हैं और कौन-कौन से चक्कर आपके इन बैलेंस है ज्यादा इंफॉर्मेशन के लिए आप मेरे यूट्यूब चैनल सनी नाथ नाथ 84 सिद्ध गुरु गोरखनाथ शिव गोरक्ष किसी पर भी विजिट करके अपने प्रश्न लाइव स्ट्रीमिंग में फ्री पूछ सकते हो बाकी की जानकारी के लिए आप यूट्यूब चैनल विजिट के सकते हो ।

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