गुरु गोरखनाथ जी का आसन मंत्र प्रयोग GURU GORAKHNATH JI KA ASAN MANTRA PARYOG

आदेश आदेश जय गुरु गोरखनाथ आप सभी के समक्ष आज एक नया सिद्ध शाबर मंत्र लेकर हाजिर हुआ हो इस मंत्र का प्रयोग आप किसी भी साधना से पहले अपने आसन को सिद्ध करके किसी शक्ति को आसन पर बिठाकर उसका पूर्ण रूप से आप लाभ ले सकते हो साधना सिद्धि का नियम है आप किसी भी देवी देवता का जब आवाहन करते हैं देवताओं के साथ उनकी सखियां उनके बोलते हैं जो देवता होते हैं उनके जोगन होते हैं वह हमेशा साथ चलते हैं वह आपके ऊपर हाजिर ना हो पाए डायरेक्ट देवता की ही हाजिरी एवं पहरा आपके ऊपर आए इसके लिए आप इस आसन मंत्र का प्रयोग कर सकते हो नाथ संप्रदाय में सबसे प्रचलित सिद्ध शाबर मंत्र है इस मंत्र का प्रयोग पूरी नाथ संप्रदाय एवं अच्छे-अच्छे भगत करते हैं ।

इस मंत्र का प्रयोग साधना सिद्धि से 7 बार मंत्र को पढ़कर अपने आसन पर फूक लगानी होती है यह शाबरी विद्या है इस मंत्र को सिद्ध करने के लिए आपको ज्यादा कठिन साधना नहीं करनी पड़ती है नित्य कर्म में आप इस मंत्र का एक माला भी जब करते हो तो 5 से 11 दिनों में यह मंत्र पूर्ण रूप से जागृत हो जाता है शाबर मंत्रों को सिद्ध करने के लिए सबसे पहले आपको इन मंत्रों को कंठस्थ करना पड़ता है फिर आप इन मंत्रों का पूर्ण रूप से प्रयोग कर सकते हो बिना कंठस्थ करें देखकर मंत्र जपते हो तो कभी भी आपके शाबर मंत्र सिद्ध नहीं होते हैं इसके लिए आपको रुद्राक्ष की माला यह आसन ही जरूरत पड़ती है उसके अलावा आपको किसी और वस्तु की जरूरत नहीं है अपने मंदिर में बैठकर इस मंत्र का पूर्ण रूप से नित्य कर्म में जाप करके इस मंत्र का प्रयोग कर सकते हो इस मंत्र की सिद्धि के बाद देवता आप के आसन पर विराजमान होता है और आपको अनर्जी महसूस होती है आपका और क्लीन होता है ।

आसन सिद्ध शाबर मंत्र

सत नमो आदेश गुरु जी को ओम गुरुजी 
मन मारो मैदा करूं करूं चकनाचूर पांच 
महेश्वर आज्ञा करें तो बैठो आसनपुर श्री 
नाथजी गुरुजी को आदेश आदेश

ज्यादा जानकारी के लिए आप मेरे यूट्यूब चैनल सनी नाथ नवनाथ 84 सिद्ध गुरु गोरखनाथ शिव गोरक्ष चारों ही मेरे चैनल है वहां पर जाकर वीडियो देख सकते हो गुरु सानिध्य में ही साधना सिद्धियां करनी है ऐसे मंत्रों का प्रयोग नहीं करना है भक्ति करने के लिए आप पूजा अर्चना देवता की जोती बत्ती कर सकते हो तंत्रा काट के लिए गुरु सानिध्य में ही चलना पड़ेगा आदेश आदेश सन्नी नाथ शर्मा ।



No comments:

Post a Comment