प्राचीन गुप्त शाबर मंत्र कंठास्त होते ही सिद्ध, और करता है सारे काम।बस याद होते ही यह मंत्र सिद्ध है परंतु येजंत्र सिर्फ उसी से काम करेगा जो गुरु सानिध्य मैं है और जिसके पर गद्दी है।सिर्फ आपको यह मंत्र कंठास्त करना होगा।
दीपावली वाले दिन बस इस मंत्र को याद करे और आप किसी पर भी प्रयोग करके देखे ।यदि किसी के ऊपर कुछ लक रहा हो तो 108 बारंतरा उसपर प्रयोग करे मंत्र पढ़ते जाओ चाहे जल बनाओ,या भभूत पर बनालो अथवा आप 21या 31झड़े देदो मोर पंख के साथ,चिमटे के साथ या चाकू के साथ।आप जब इसका प्रयोग करोगे तो खुद ही आपको इसकी शक्ति का पता चल जाएगा क्युकी उस व्यक्ति के ऊपर जो भी होगा आपको खुद ही दिख जायेगा अगर आपकी नजर खुली होगी तो सपने मैं उत्तर आदेश होगा की क्या लगा है किसने उस व्यक्ति पर प्रहार करा,कब करा और कैसे पकड़ रखा है,और यदि आपका कोई गुरु जी नही है नजर जी नही खुल रखी तो उत्तर नही आयेगा लेकिन अगर गुरु के बिना प्रयोग करते हो तो सामने वाले व्यक्ति की चीज को कट जायेगी परंतु तुम फंस सकते हो और तुम्हारे परिवार के ऊपर भी किसी प्रकार की तकलीफ आ सकती है।
जहां दवाई भी काम न करे वहां यह मंत्र काम करेगा। इस मंत्र को सिद्ध करने के लिए न ही माला लेनी है न ही भोग देना है सिर्फ धुने पर एक अरदास लगवा कर सतगुरु महाराज का नाम लेकर गुरु गोरखनाथ जी का मंत्र "ॐ शिव गोरक्ष " का 11 बार जाप करके बस आपको मंत्र कंठस्त करना है और फिर यह काम करेगा।परंतु इस मंत्र के प्रयोग से हल्का सा शरीर भरी हो सकता है।
मंत्र निम्नलिखित है:
" काला कलवा चौंसठ वीर बेगी आओ माई के बीर अजर तोड़ो बजर तोड़ो किले का बंधन तोड़ो, नज़र तोड़ो, मूठ तोड़ो,जहां से आई वहीं को मोड़ो जल खोलू जलवाई खोलु बांध पड़े तुपक को खोलूँ घर दुकान का बंधन खोलूं बंधे खेत खलियाल खोलू बंधा हुआ मकान खोलू खोली बंधे नाव पतवार खोलू दस दिशाओं का बंधन खोलूं इतना काम मेरा ना करे तोह तुझे माता का दूध पिया हराम माता पार्वती की दुहाई फिरे शब्द साचा पिंड काचा फुरो मंत्र ईश्वरों वाचा सत नमो आदेश गुरु जी को गुरु गोरखनाथ जी को आदेश आदेश"।
इस मंत्र मैं हर प्रकार के बंधन को खोलने की क्षमता है।
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