दिवाली पर हवन करने की विधि diwali 2024 mein hawan karne ki vidhi

दिवाली पर हवन करने की विधि

दिवाली पर हवन करना एक शुभ कार्य माना जाता है, जिससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यहाँ हवन करने की विस्तृत विधि दी गई है:

1. सामग्री की तैयारी

हवन सामग्री:

हवन अग्नि के लिए लकड़ी (आम, बांस, पीपल, या कोई अन्य शुद्ध लकड़ी)

हवन सामग्री (गुड़, चावल, तिल, मटर, घी)

फूल और फल

हवन कंडल या हवन कुंड

नारियल (अर्पित करने के लिए)


पूजन सामग्री:

चंदन, अगरबत्ती, दीपक

पानी, दूध, दही, शहद (नैवेद्य के लिए)

तुलसी के पत्ते



2. स्थान का चयन

शुद्ध स्थान: हवन के लिए एक साफ, शुद्ध स्थान का चयन करें। यदि संभव हो, तो उत्तर-पूर्व दिशा की ओर मुंह करके बैठें।

वस्त्र: स्वच्छ वस्त्र पहनें। सफेद या हल्के रंग के कपड़े शुभ माने जाते हैं।


3. हवन कुंड की स्थापना

हवन कुंड: हवन कुंड को चारों ओर से स्वच्छ करके रखें। कुंड को मिट्टी, लोहे या कांच का बना सकते हैं।

हवन अग्नि: हवन की अग्नि को बनाने के लिए लकड़ी को सही तरीके से लगाएं।


4. पूजा विधि

गंगाजल: हवन स्थल पर गंगाजल छिड़कें और कुंड के चारों ओर पवित्रता बनाए रखें।

गणेश पूजन: सबसे पहले भगवान गणेश का पूजन करें। उन्हें फूल, फल, और नैवेद्य अर्पित करें।

संकल्प: हवन करने का संकल्प लें और अपने मन में इच्छा या उद्देश्य का ध्यान करें।


5. हवन की प्रक्रिया

1. हवन अग्नि प्रज्वलित करें:

अग्नि को प्रज्वलित करें और उसके चारों ओर ध्यान लगाएं।



2. हवन सामग्री का अर्पण:

पहले चावल का एक मुट्ठी हवन अग्नि में डालें।

फिर गुड़, तिल और घी की मात्रा के अनुसार डालें।



3. मंत्रों का उच्चारण:

हवन के दौरान निम्नलिखित मंत्रों का जाप करें:

गायत्री मंत्र:

ॐ भूर्भुवः स्वः
तत्सवितुर्वरेण्यं
भर्गो देवस्य धीमहि
धियो यो नः प्रचोदयात्

लक्ष्मी मंत्र:

ॐ श्रीं ह्लीं श्री महालक्ष्म्यै नमः




4. नैवेद्य अर्पण:

हवन के बाद भगवान को नैवेद्य (फल, मिठाई) अर्पित करें।




6. अंतिम प्रार्थना

आरती: हवन के बाद भगवान की आरती करें।

प्रसाद वितरण: हवन के प्रसाद को परिवार और दोस्तों में बांटें।


7. हवन के बाद

पवित्रता: हवन के बाद जल का छिड़काव करें और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करें।

ध्यान: हवन के बाद कुछ समय ध्यान में बिताएं और मन को शांत करें।


निष्कर्ष

दिवाली पर हवन करने से न केवल घर में सकारात्मकता बढ़ती है, बल्कि यह समृद्धि और स्वास्थ्य की कामना के लिए भी किया जाता है। श्रद्धा और भक्ति के साथ किए गए हवन से सुख-शांति की प्राप्ति होती है।



No comments:

Post a Comment