करवा चौथ का व्रत विवाहित महिलाओं द्वारा अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना के लिए रखा जाता है। इस व्रत को रखने के लिए निम्नलिखित नियमों का पालन करें:

करवा चौथ का व्रत विवाहित महिलाओं द्वारा अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना के लिए रखा जाता है। इस व्रत को रखने के लिए निम्नलिखित नियमों का पालन करें:

1. व्रत की तैयारी

व्रत से एक दिन पहले से ही शुद्धता का ध्यान रखें।

घर की सफाई करें और पूजा सामग्री इकट्ठा करें।


2. स्नान और उपवासन

करवा चौथ के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।

सफेद या लाल रंग के कपड़े पहनें।


3. व्रत का संकल्प

व्रत का संकल्प लें और ईश्वर से प्रार्थना करें कि आप इस व्रत को पूरी श्रद्धा के साथ रख सकें।


4. दिनभर उपवास

दिनभर अन्न-जल का सेवन न करें। केवल फल, दूध या सूखे मेवे का सेवन कर सकती हैं।


5. पूजा विधि

शाम को पूजा के लिए एक स्थान पर चाँद और करवा (सुरक्षा के लिए) रखें।

करवा चौथ की कथा पढ़ें या सुनें।

भगवान गणेश, माता पार्वती और शिव जी की पूजा करें।


6. चाँद देखने की विधि

रात में चाँद निकलने पर उसे देखें और फिर छलनी में देखना न भूलें।

चाँद को देखकर पति का नाम लें और फिर उन्हें पानी या भोजन अर्पित करें।


7. अर्चना और आरती

चाँद के बाद पति की आरती करें और उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।


8. सत्य और विश्वास

व्रत के दौरान अपने मन में सकारात्मक विचार रखें और ईश्वर पर विश्वास रखें।


इन नियमों का पालन करने से करवा चौथ का व्रत सफल और शुभ होता है। यह व्रत न केवल पति-पत्नी के रिश्ते को मजबूत बनाता है, बल्कि जीवन में सुख-शांति भी लाता है।





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