⚘️ आरती श्री शीतला माता की ⚘️ SHEETLA MATA KI AARTI

⚘️ आरती श्री शीतला माता की ⚘️


जय शीतला माता,मैया जय शीतला माता। आदि ज्योति महारानी सब फल की दाता।। 
जय शीतला माता,,,,,,,,,

रतन सिंहासन शोभित,श्वेत छत्तर भ्राता।
ॠद्धिसिद्धि चंवर डुलावे,जगमग छवि छाता।।
जय शीतला माता,,,,,,,,,,,

विष्णु सेवत ठाढ़े,सेवें शिव धाता।
वेद पुराण बरणत पार नहीं पाता।।
जय शीतला माता,,,,,,,,,

इन्द्र मृदंग बजावत चन्द्र वीणा हाथा।
सूरज ताल बजाते नारद मुनि गाता।।
जय शीतला माता,,,,,,,,,,

घंटा शंख शहनाई बाजै मन भाता,
करै भक्त जन आरति लखि लखि हरहाता।।
जय शीतला माता,,,,,,,,,,,,

ब्रह्म रूप वरदानी तुही तीन काल ज्ञाता।
भक्तन को सुख देनौ मातु पिता भ्राता।
जय शीतला माता,,,,,,,,,,,

जो भी ध्यान लगवैं प्रेम भक्ति लाता।
सकल मनोरथ पावे भवनिधि तर जाता।।
जय शीतला माता,,,,,,,,,,,

रोगन से जो पीड़ित कोई शरण तेरी आता।
कोढी पावे निर्मल काया अन्ध नेत्र पाता।।
जय शीतला माता,,,,,,,,,,,,

बांझ पुत्र को पावे दारिद कट जाता।
ताको भजै जो नाहीं सिर धुनि पछिताता।।
जय शीतला माता,,,,,,,,,,,

शीतल करती जननी तुही है जग त्राता।
उत्पत्ती व्याधि विनाशत तू सब की घाता।।
जय शीतला माता,,,,,,,,,,

 दास कर जोड़े सुन मेरी माता।
 भक्ति आपनी दीजै और न कुछ भाता।।
 जय शीतला माता,,,,,,,,,,

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