मंत्र जो भूत प्रेत आई बला की करे काट यह नजर दोष की भी काट करता है दुख दरिद्र को भी दूर करता है।परंतु यह मंत्र सिर्फ उन्ही लोगों के लिए है जो गुरुमुख से दीक्षित हैं और यह आम पब्लिक के लिए नही है। और को कोई भी इस मंत्र को बिना पूछे बिना इजाज़त के करता है तो लेखा जोखा रिस्क आपका ही रहता है इसमें मेरी कोई जिम्मेदारी नहीं होगी।
मंत्र की विधि
रुद्राक्ष की माला पर इस मंत्र का जाप होना है, देसी घी का दीपक लगेगा आगे, आसन लगाकर इसका 41दिन का अनुष्ठान बिठाना है,5 से 11 माला आपको इसके रोजाना करनी है इससे कम मैं काम नही होगा क्युकी यह मंत्र प्रेत भागने के लिए उपयोग होगा आपको झाड़ा लगाने से पहले प्रोटेक्शन लगानी जरूरी है नही तो वो चीज़ आपके ऊपर ही आ जायेगी।
मंत्र का प्रयोग: एक हल्दी की गांठ लेकर उसे पीड़ित के सर से लेकर पैर तक फिरनी है और ऐसा करते हुए आपको इस मंत्र का जप करते रहना है 7 बार 11बार या 21 बार । फिर उस हल्दी की गांठ को आपको बहते हुए पानी मैं छोड़ देना है यह हवन मैं छोड़ देना या किसी सुनसान जगह मैं छोड़ दो । फिर 33कोटी देवी देवताओं से प्रार्थना करनी है। साधना काल मैं ब्रह्मचर्य का पालन जरूरी है। कम खाना है कम बोलना है जमीन पर सोना है। जब तक पूर्ण सिद्धि नही हो जाती अपने अनुभव किसी को नही बताने।लेकिन इस मंत्र को आपको गुरु सानिध्य मैं ही करना है।
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