आदेश आदेश
हर हर महादेव
Sunny Sharma Nath Panth
श्री गुरु गीता
पार्ट 5
शिवजी भगवान जी बताते है—
की गुरु की उपस्थिति में कभी भी खुद किसी को उपदेश नहीं देना चाहिए।ऐसा पाप करने वाला ब्रह्मा राक्षस होता है।
गुरु के आश्रम में कभी भी नशा नहीं करना चाहिए,खुद दीक्षा प्रदान नही करनी चाहिए,और गुरु को आज्ञा नहीं करनी चाहिए।
अपना छप्पर या पलंग गुरु के आश्रम में नही बनाना चाहिए,गुरुदेव के सम्मुख पैर नहीं पसारने चाहिए और अपने शरीर के भोग नहीं भोगने चाहिए।
गुरु की बात सच्ची हो या झूठी कभी भी उसके विरुद्ध नहीं जाना चाहिए।
हमेशा अपने गुरुदेव के सानिध्य में उनका दास बनकर रहना चाहिए।
गुरुदेव के दिए हुए प्रसाद को गरीब की तरह ग्रहण करना चाहिए,उससे प्राण भी प्राप्त हो सकते है।
पादुका,बिस्तर, आसन आदि जो कुछ भी वस्तुएं गुरुदेव उपयोग में लाते है उनको पैर से कभी भी नही छूना चाहिए।
हमेशा गुरुदेव के पीछे चलना चाहिए,उनकी परछाई का भी उल्लंघन नहीं करना चाहिए।
गुरुदेव के समक्ष कीमती वेशभूषा,आभूषण भी नही पहनने चाहिए।
यदि गुरुदेव की निंदा करने वाले को देखकर तुम उसकी जीभ काट न सको,तो उसको अपने स्थान से भगादो,यदि वह तब भी रुके तो खुद उस स्थान का त्याग कर दो।
किंतु गुरु निंदा सुनकर पाप के भागीदार कभी न बनो🙏🙏🙏
आदेश आदेश
Sunny Sharma Nath Panth
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